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सावन महोत्सव 2021 25 जुलाई से 22 अगस्त 2021

महाशिवरात्रि महोत्सव 2020 – 20 फरवरी से 24 फरवरी तक
विशेष आकर्षण
विशाल शोभा यात्रा
दिनांक 20 फरवरी, 2020
प्रात: 11:00 बजे (गौतम आश्रम से)
विशाल भजन सन्ध्या
दिनांक 22 फरवरी, 2020
स्थान : दहशरा मैदान
विशाल कवि सम्मलेन
दिनांक 23 फरवरी, 2020
रात्रि : 9:00 बजे से
स्थान : दहशरा मैदान
विशेष आकर्षण
विशाल शोभा यात्रा
विशाल शोभा यात्रा
दिनांक 20 फरवरी, 2020
प्रात: 11:00 बजे (गौतम आश्रम से)

श्रावण महोत्सव 16 जुलाई 2019 से 15 अगस्त 2019 तक

महाशिवरात्रि मेला 2019 शिवाड़ ईसरदा स्टेशन पर रुकेंगी ट्रेनें
सवाई माधोपुर के शिवाड़ कस्बे में लगने वाले महाशिवरात्रि मेले के लिए ईसरदा स्टेशन पर ट्रेन का ठहराव दिया जाएगा।जानकारी के अनुसार :-
Date | train name | Time |
---|---|---|
4 मार्च | अजमेर-दुर्ग | रात 10:55 बजे |
3 मार्च | इंदौर-जयपुर | सुबह 6:54 बजे |
3 और 4 मार्च | जबलपुर-अजमेर | सुबह 10:12 बजे |
3 और 4 मार्च | मुंबई सेंट्रल-जयपुर | शाम 8:50 बजे |
3 और 4 मार्च | मुंबई सेंट्रल-जयपुर | सुबह 11:17 बजे |
4 मार्च | पुणे-जयपुर | दोपहर 12:03 बजे |
3 मार्च | इंदौर-जयपुर | सुबह 6:54 बजे |
4 मार्च | दुर्ग-अजमेर | दोपहर 1:48 बजे |
3 मार्च | बिलासपुर-बीकानेर | शाम 8:50 बजे |
3 मार्च | बीकानेर-बिलासपुर | सुबह 9:09 बजे |
4 मार्च | उदयपुर-कोलकाता | सुबह 10:35 बजे |
3 और 4 मार्च | जयपुर-मुंबई सेंट्रल | दोपहर 3:05 बजे |
3 और 4 मार्च | अजमेर-जबलपुर | शाम 6:50 बजे |
3 मार्च | जयपुर-चेन्नई | शाम 8:40 बजे |
विशाल श्रावण महोत्सव 2018
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Mahashivratri mela started from 12 To 16 February 2018
विशाल श्रावण महोत्सव 2017
शिव का बारहवां रुद्र अवतार है ‘घुश्मेश्वर’ ज्योतिर्लिंग
शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव अपने भक्तों के कल्याण के लिए पूरी धरती पर जगह-जगह भ्रमण करते रहे हैं. अपने भक्तों की उपासना से अभिभोर होकर भगवान शिव ने उन्हें दर्शन दिया और अपने भक्तों के अनुरोध पर अपने अंश रूपी शिवलिंग के रूप में वहां सदा के लिए विराजमान हो गए.
शिवलिंग के रूप में भगवान शिव जिन-जिन स्थानों पर विराजमान हुए, उन्हें आज प्रसिद्ध तीर्थस्थलों के रूप में महत्व दिया जाता है. वैसे तो धरती पर असंख्य शिवलिंग स्थापित हैं लेकिन इनमें 12 शिवलिगों को ज्योतिर्लिंग का विशेष दर्जा प्राप्त है.
इन्हीं ज्योतिर्लिंगों में द्वादशवें ज्योतिर्लिंग का नाम ‘घुश्मेश्वर’ है. इन्हें ‘घृष्णेश्वर’ और ‘घुसृणेश्वर’ के नाम से भी जाना जाता है.
घुश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले के शिवाड गांव में स्थित है ! शिवमहापुराण में घुश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग का वर्णन है. ज्योतिर्लिंग ‘घुश्मेश’ के समीप ही एक सरोवर भी है. जिसे शिवालय के नाम से जाना जाता है. कहा जाता है कि जो भी इस सरोवर का दर्शन करता है उसकी सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है.
शिवपुराण में भी इसका वर्णन निम्न श्लोक में आता है –
सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्री शैले मल्लिकार्जुनम | उज्जयिन्यां महाकालंओंकारं ममलेश्वरम || केदारं हिमवत्प्रष्ठे डाकिन्यां भीमशंकरम | वाराणस्यां च विश्वेशं त्रयम्बकं गोतमी तटे || वैधनाथं चितभूमौ नागेशं दारुकावने | सेतुबन्धे च रामेशं घुश्मेशं तु शिवालये ||
(शिव पुराण कोटि रूद्र संहिता 32-33)
कैसे पहुंचे
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